महिंद्रा के सीपीसीबी-4 प्लस डीज़ल जेनसेट अम्बिकापुर में किया गया लांच
महिन्द्रा पावरोल के ऑथोराइज़्ड डीलर एवं शास्त्री एसोसिएट के डायरेक्टर श्री आशीष पांडेय ने बताया, कि इस डीजल जेनसेट के 10 केवीए से लेकर 320 केवीए का निर्माण रांची के शारदा डीज़ल प्लांट में किया जाता है। इसके इंजन...
महिंद्रा के सीपीसीबी-4 प्लस डीज़ल जेनसेट अम्बिकापुर में किया गया लांच
अम्बिकापुर – महिंद्रा पावरोल अधिकृत जेओईएम शारदा डीजल प्राइवेट लिमिटेड ने अम्बिकापुर में अपना सीपीसीबी 4 + डीज़ल जेनसेट लॉन्च किया।
शारदा डीजल प्राइवेट लिमिटेड (OEM – महिन्द्रा पावरोल) के स्टेट मैनेजर मनीष विश्वकर्मा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया, कि यह जेनसेट नई रेंज महिंद्रा पावरोल का नवीनतम संयोजन है, जो पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा घोषित नवीनतम उत्सर्जन मानदंडों के अनुरूप है। उन्होंने बताया, कि यह जेनसेट तकनीकी रूप से उन्नत सीआरडीआई इंजन से सुसज्जित है। यह तकनीक मानक उत्सर्जन मानदंडों से परे जाकर प्रदूषण को काफ़ी कम करता है। यह डीजल जेनसेट भारत में सबसे व्यापक सेवा नेटवर्क द्वारा संबंधित है जो ग्राहक को तत्काल सहायता प्रदान करती है।
वहीं, महिन्द्रा पावरोल के ऑथोराइज़्ड डीलर एवं शास्त्री एसोसिएट के डायरेक्टर श्री आशीष पांडेय ने बताया, कि इस डीजल जेनसेट के 10 केवीए से लेकर 320 केवीए का निर्माण रांची के शारदा डीज़ल प्लांट में किया जाता है। इसके इंजन को चेन्नई में महिंद्रा रिसर्च वाली में अनुसंधान एवं विकास केंद्र में डिजाइन किया जाता है एवं पुणे नागपुर में इसके संयंत्र में निर्मित किया गया है।
शारदा डीजल प्राइवेट लिमिटेड के जेनरल मैनेजर मनोज कुमार ने बताया, कि यह नया जेनसेट पूरी तरह से इको फ्रेंडली है। इसकी ख़ूबियों को देखकर ज़्यादातर लोग इसे खरीदना चाहेंगे। ऐसे में इसके लिए फाइनेंस की भी सुविधा है ताकि लोग इस अत्याधुनिक जेनसेट को ईएमआई पर आसानी से ख़रीद सकें।
इस मौके पर मौजूद शास्त्री एसोसिएट के सेल्स मैनेजर वकील अंसारी ने बताया, कि इसकी सर्विस काफ़ी अच्छी है। कस्टमर केअर से भी बहुत जल्दी रिस्पॉन्स मिलता है। उन्होंने बताया कि सीपीसीबी-4 अनुपालन का मतलब केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित उत्सर्जन मानकों का पालन करना है। ये मानक डीजी सेट द्वारा उत्सर्जित प्रदूषकों के अनुमेय स्तरों को निर्धारित करते हैं और इनका उद्देश्य डीजल जनरेटर द्वारा होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना है।